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सोमवार, मई 19, 2014

Pyar Ki Kahani

अगले दिन मेरी नींद बहुत जल्दी खुल गयी. उठी तो देखा की Sanjana अभी भी सो रही है. मैं बाहर आई तो देखा मौसा जी सुबह सुबह तैयार हो कर जा रहे थे. मैने पूछा – मौसा जी, इतनी सुबह सुबह कहाँ जा रहें हैं. मौसा जी बोले – हॉस्पिटल से फोन आया है की Akash के पोलीस स्टेट्मेंट वग़ैरा लेने के लिए पोलीस स्टेशन से ऑफीसर आए हैं तो उसके पेरेंट्स ने बुलाया है. मेरे मुँह से अचानक निकल पड़ा – Akash से मिलने तो मैं भी जाऊंगी. मौसा जी बोले थोड़ी देर में मैं जीप वापस भेज दूँगा तुम आ जाना अभी तुम्हें तैयार होने में टाइम लगेगा, मुझे देर हो जाएगी.
मैने फटाफट जाकर Sanjana को उठाया. रात को Akash को लेकर हुई सारी शरारत मेरे दिमाग़ से एकदम भूल गयी थी. Sanjana के उठते ही मैं बोली – चल उठ, जल्दी तैयार हो, Akash से मिलने जाना नहीं है क्या? Sanjana उठी और बहुत देर तक मेरे चेहरे की और देखती रही, बोली – तो तू जा ना, मैं क्या करूँगी. दिल तो तेरा आ रहा है ना उस पर. बस ये कहते ही मुझे रात की बात याद आ गयी. मैने तकिया उठाया और उसके सिर पे दे मारा. बोली – शैतान, तेरी ज़ुबान बहुत चलने लगी है.
Sanjana बोली- मेरी ज़ुबान की छोड़, अपने दिल की फ़िक्र कर. फिर वो मेरी और शरारत से देखने लगी. अचानक हम दोनों के चेहरे पर एक साथ हँसी आ गयी और हम हँसने लगे और फिर Sanjana मेरे गले से लग गयी. बोली – अनिता, Akash वैसे है तो वाकई में हॅंडसम. और मैं फिर शर्मा गयी.
खैर, हम बाहर आ कर फ्रेश वग़ैरा हो कर ब्रेकफ़स्ट करने लगे. तभी बाहर हॉर्न बजा – लगता है जीप आ गयी. पापा ने भिजवाई होगी. हम बाहर आए और जीप में बैठ गये. ड्राइवर ने जीप हॉस्पिटल की और दौड़ा दी. 10 मिनिट में ही हम हॉस्पिटल पहुँच गये. उतरते ही मैं तेज कदमों से सीधा Akash के कमरे की और चल पड़ी. Sanjana रुक रुक ही करती रह गयी और मैं Akash के कमरे में घुस गयी.

अंदर पहुँच कर देखा तो Akash तकिये के सहारे बैठा हुआ था. मैने उसके पास जाकर पूछा – कैसे हो? Akash के चेहरे पे हल्की सी मुस्कुराहट आई और वो बड़ी धीमी आवाज़ में बोला – आइ एम ओके. लेकिन साफ दिख रहा था कि इतना बोलने में भी उसको बहुत तकलीफ़ हो रही थी. मैं उसके पास ही बैठ गयी. Sanjana भी पास में ही कुर्सी पर बैठ गयी.
तभी उसके पापा अंदर आ गये. शायद पोलीस वालों को छोड़ने गये थे. अंदर आकर जैसे ही मुझे देखा तो मैने कहा अंकल – नमस्ते. उन्होने आ कर बड़े स्नेह से मेरे सर पर हाथ रख कहा – नमस्ते बेटा. तुम कैसी हो. मैने कहा – ठीक हूँ अंकल. Akash की तबीयत कैसी है. बोले – बेटा, वैसे तो ख़तरे की कोई बता नहीं है पर डॉक्टर ने कहा है 10-12 दिन से पहले छुट्टी नहीं मिलेगी. काफ़ी चोट आई है. अंदरूनी चोटें भी हैं.
ये सुनकर जहाँ मुझे दुख होना चाहिए था वहीं अंदर से जैसे पता नहीं कौन सी खुशी महसूस हुई. जैसे की अगले दस-बारह दिनों तक Akash से मिल पाने का मौका कोई बहुत खुशी की बात हो.
Sanjana उठी और बाहर की और चली गयी. तभी अंकल के मोबाइल पर भी कोई फोन आया तो वो भी बाहर की और चले गये. उनके बाहर जाते ही Akash ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर कहा – थैंक यू. मेरे तो जैसे सारे शरीर में बिजली दौड़ गयी हो, ऐसा लगा. उसका हाथ बहुत हल्के से मेरे हाथ पर था. मैने दूसरा हाथ से उसका हाथ थम कर कहा – थॅंक्स किस बात के लिए? Akash बोला – तुम नहीं होती तो… मैं अचानक अपने हाथ को उस के मुँह पर रख कर बोली – ऐसा नहीं कहते.
फिर बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही हाथों में हाथ रखे बैठे रहे. अचानक मुझे किसी के पैरों की आहट सुनाई दी तो मेरा ध्यान दरवाजे की और गया. देखा तो Sanjana खड़ी हुई मुस्कुरा रही थी. मैने झट से अपना हाथ वापस खींच लिया. मैं Akash से बोली – अब तुम आराम करो, मैं चलती हूँ.
Akash बोला – फिर आओगी ना? मैने कहा, ज़रूर. उसके चेहरे पे बड़ी स्वीट सी मुस्कान फैल गयी. मैने फिर बाइ बाइ किया और बाहर आ गयी. बाहर आकर मैने Sanjana के कान पकड़े और बोली – बदतमीज़, बहुत खी खी कर हंस रही थी, क्या बात है? Sanjana बोली – लव स्टोरी सही जा रही है अनिता, एकदम सही.
फिर हम दोनों हँसने लगे. हंसते हंसते हम जीप के पास आ गये और ड्राइवर को बोला, चलो, घर चलो.
शाम को हम बाजार घूमने गये. हमने कुछ कपड़े खरीदे और ऐसे ही टाइम पास करने के लिए एक से दूसरी दुकान में जाते रहे. मेरी नज़र ऐसे ही एक किताब की दुकान पर पड़ी तो मेरे दिमाग़ में एक ख़याल आया. मैं अंदर गयी और एक गेट वेल सून कार्ड लिया जिसपे एक टेडी बीयर बना हुआ था जिसकी बेली पे लिखा था – आइ लव यू.
उसे लेकर मैने अपने बैग में छुपा लिया. और बाहर आ गयी. Sanjana बोली – कहाँ गयी थी अचानक? मैं तुझे ढूँढने ही वाली थी. मैने कहा ऐसे ही एक पेन खरीदने गयी थी पर कोई अच्छा पेन नहीं मिला. फिर हम घर वापस आ गये.

Pyar Ki Kahaniya

Tuमेरा नाम Rajesh है. ये मेरी ये सची प्रेम कहानी है. में दिल्ली कॉलेज में पड़ता हु. ये बात उन दिनों की है जब मेरी मुलाकात एक दोस्त की शादी में एक लड़की से हुई थी. उसका नाम Ragini था। वो बहुत ही खुबसूरत थी। और अपने फाइनल इयर में थी। जब शादी में वरमाला की रस्म चल रही थी तभी में उसे और वो मुझे बार बार देख रहे थे.
जुटे चुराई की रस्म में तो वो हमसे बहुत छेड्कानी और हम उससे बहुत मजाक कर रहे थे. पुरे 5000 रुपए में बात तय हुई थी। शादी हो गयी और वो अपने घर चली गयी। में उसके बारे में बार बार सोच रहा था. जब मेरा दोस्त हनीमून से वापस आया तो मेने उसकी बारे में पूछा। उसने बताया की उसका नाम Ragini है और वो उसकी पत्नी की बहुत घहरी दोस्त है।
मेरे दोस्त की पत्नी अपने मइके चली गयी। फिर हम उसे लेने गए, में Ragini को वह देख कर चौक गया। मेरे दिल से निकला वायो वायो मज़ा आ गया। मेरे चहरे पर एक स्माइल सी आ गयी। मेने उससे बात की और पुछा उसके बारे में। वो भी पढ रही थी कॉलेज में। फिर हम दोनों में मिलने का सिलसिला चला। में उससे दिल ही दिल में प्यार करने लगा ओर फिर एक दिन उससे शादी की बात कर दि. वो भी मुझे चाहती थी और शादी करने के लिए तयार हो गयी थी।

मेने अपनी शादी की बात आगे बड़ाने के लिए अपने दोस्त की वाइफ से बोला तो वो मान गए और उसके पापा से बात चलने के लिए मान गये. मेरी कास्ट छोटी थी और वो ब्राहमण थे , बात तो सुरु की बार उसके डैडी और भियो ने मन कर दिया। हम दोनों कई बार मिले और भाग जाने का फेसला भी किया और एक दिन दोनों घर से निकल गये और साउथ में रहने लगे. हमारी खबर किसी को नहीं थी मेरे दोस्त के सिवाए। चारो तरफ उसके भाई मेरी तलाश में लग गए. 
मेरी पुलिस में कंप्लेंट भी करवा दी. मुझे डरने की कोई जरुरत नहीं थी चुकी हम दोनों अठरा साल से ऊपर के थे. २ महीने हम दोनों वह रहे और एक दिन उसका भाई मेरे यहाँ आ गया। उसने हम दोनों को धमकाया और मुझे जान से मरने की धमकी भी दि. मेंने सोचा की वो कुछ नहीं करेगा पर कुछ दिनों बात हम दोनों को रस्ते में ही कुछ आदिमियो ने घेर लिया और मेरी पत्नी को मार दिया में वह से भगा पर पर भाग न सका और मुझे उन्होंने बहुत मरा. 
मेरी सास चल रही थी में भगवन की किरिपा से बच गया था। मेने उनके खिलाफ कंप्लेंट करी ठाणे में। उन कर केस चला और उसके भाई समेत 6 लोगो को उम्र कद की सजा सुना दी कोर्ट ने. मेरी जिंदगी अब बर्बाद हो गयी है चुकी में अपनी टांग खो बेठा हु. रोज रो रो कर अपनी ज़िन्दगी बिताता हु। अब सिर्फ में और मेरी तन्हैया रह गयी है। ये थी मेरी सच्ची प्रेम कहानी