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शनिवार, दिसंबर 14, 2013

प्यार की स्टोरी हिंदी में

बात 1990 की है, जब मैं कॉलेज में फर्स्ट ईयर में अपनी पढाई कर रहा था! मैंने कॉलेज में NCC भी ज्वाइन कर ली थी! अपने शरारती स्वभाव, अपनी अदाकारी और अपनी आवाज़ के जादू से मैं NCC और कॉलेज में बहुत प्रसिद्ध (फेमस) था! NCC मैं किसी भी काम को करने में हम पांच लोगो का ग्रुप सबसे आगे रहता था! और यही एक कारण था कि, हर काम में सबसे पहले मुझे ही प्राथमिकता (preference) दी जाती थी! 


एक बार हमारा एक दिन का NCC शूटिंग कैंप लगा, जिसमे हमें अपने शहर से रूड़की जाना था! हम कैडेट्स सुबह 6 बजे रूड़की के लिए रवाना हुए और शूटिंग रेंज पर 8 बजे एकत्रित हुए! हम कैडेट्स को अलग-अलग तरह की राइफल्स जिसमे लाइट मशीन गन (LMG), मीडियम मशीन गन (MMG), सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR), पिस्टल .32 बोर और मशीन गन शूटिंग के लिए दी गयी! हमारे JCOs ने हमे अलग-अलग तरह से गन्स को चलाने की ट्रेनिंग दी! जो हर किसी को अच्छी लगी! 

लेकिन हममे से कुछ NCC कैडेट्स का तो कन्धा (Shoulder) लाइट मशीन गन चलाने से छिल गया! उनका कन्धा लाल पड़ गया था, फिर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) दी गयी, और उन्हें शूटिंग रेंज से बाहर ले गये! मैंने भी उस दिन खूब फायर्स किये! मशीन गन चलाने में मुझे बहुत मजा आया! अब शाम के 4 बज चुके थे, और हम कैडेट्स को अपने शहर वापस आना था! तो, रूड़की बस स्टैंड से सभी कैडेट्स एक बस में सवार हो गये! 

सभी कैडेट्स ने बस में अपनी अपनी सीट ले ली! मैं सबसे बाद में चढ़ा, तो देखता हूँ कि पूरी बस में एक ही सीट खाली थी, जिसपर दो लोग बैठ सकते थे! लेकिन वहाँ उस पर एक लड़की बैठी हुई थी! कोई भी कैडेट उस लड़की के पास नहीं बैठा! मैं आया और उस लड़की के बाजू में बैठ गया! वो लड़की अपने बायोलॉजी के नोट्स पढ़ रही थी! मैंने भी बायोलॉजी 10th तक पढ़ी है, इसलिए आज मुझे उसकी किताब में देखकर पढना अच्छा लगा रहा था! मुझे उसकी लिखावट (Hand Writing) बहुत अच्छी लगी! और अब हम दोनों उसके नोट्स पढ़ रहे थे! 

आजू बाजू क्या चल रहा था, मुझे कुछ नहीं पता! सारे कैडेट्स मेरी मजाक बना रहे थे (जो मुझे बाद में मेरे दोस्तों ने बताया). कंडक्टर आया और उसने टिकट के लिये कहा लेकिन मैं उस लड़की के नोट्स में इतना मशगूल था कि, मुझे कुछ पाता ही नहीं चला! फिर उस लड़की ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर कंडक्टर की और इशारा करके टिकट लेने को कहा! 

मैंने अभी तक उस लड़की का चेहरा नहीं देखा था, उसके कंधे पर हाथ रखते हि, मेरी नज़रे उसकी नज़रों से टकराई, मैंने सॉरी कह कर इज़हार किया और फिर बस का टिकट कटवा लिया! अब मैंने उस लड़की से पुछा की वो क्या करती है? उसने बताया कि, वो मेरठ यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी की स्टूडेंट है! फिर हम दोनों कुछ समय तक बात करते रहे! वो लड़की देखने में सुन्दर नहीं थी लेकिन अच्छी थी! मेरा शहर आने वाला था! और अब मेरा उससे विदाई लेने का समय भी नजदीक आ रहा था! मैंने उसे एक कागज पर अपना पता (Home Address) दिया, जवाब में उसने भी मुझे अपने मेरठ गर्ल्स हॉस्टल का पता दे दिया! 

हम लोगो का कुछ समय तक पत्राचार चलता रहा! लेकिन कुछ समय के बाद वो भी बंद हो गया, और मेरी अपनी ज़िन्दगी की किताब में एक और अध्याय जुड़ गया!

गुरुवार, अक्तूबर 10, 2013

Pyar Ki Kahaniya

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कभी-कभी ज़िंदगी में कुछ चीजे अपने-आप हो जाती हैं, लेकिन जब आपको उसका सही मायनो में पता लगता है, और आप उसे उसी तरीके से इस्तेमाल करते हैं. तो, वो आप की एक अदा या एक स्टाइल या एक तरीका बन जाता है। जिसमे आपको एक महारत हासिल रहती है!


Pyar Ki Kahani in Hindi

बात उस समय की है, जब मैं कॉलेज में था! उस समय हमारी कॉलोनी का एक लड़का, जो मुझसे बड़ा था, लेकिन मेरा दोस्त भी था! उसे लडकिया देखना, उन्हें अपनी घटिया हरकतों से इम्प्रेस करना, शायद अच्छा लगता था! जब कहीं किसी, सुन्दर युवती या सुन्दर लड़की को देख ले तो, उसकी कोई न कोई हरकत शुरू हो जाती थी! इसलिए शायद उससे कोई लड़की नहीं पटी, और बेचारा आज, शादीशुदा है और २ बच्चो का बाप भी है।

एक बार उसने मुझसे पुछा, यह बात 1990 की है, अगर मुझे साइकिल दे दी जाये तो, क्या मैं किसी लड़की को पटा सकता हूँ? मैंने बड़ी ही सहजता से जवाब दिया कि, इस काम के लिये मुझे, साइकिल की कोई ज़रूरत नहीं है! मैं लड़की पैदल चलते-चलते पटा सकता हूँ! उसे बड़ा ही आश्चर्य हुआ, और बोला वो कैसे? मैंने जवाब दिया वो, मुझपर छोड़ दो!

एक दिन की बात है कि, हम दोनों कॉलेज जा थे, की मैंने एक बहुत ही ख़ूबसूरत लड़की को, जो हमारे ही कॉलेज में पढ़ती थी, और शायद कॉलेज के कई लड़के उसके पीछे थे, शायद एक नज़र में मुझको भी पसंद आ गयी! वो लड़की कॉलेज में होम साइंस सेक्शन में थी! उसने मुझे देखा, और मैंने उसे, शायद हम भी उसे कुछ अच्छे लगे. लेकिन कोई बात नहीं हो पाई!

अब जब हुम्रारा पीरियड ख़त्म होता, और एक 45 मिनट्स का ब्रेक मिलता, वही उसके साथ भी था! मैं अपना एक साइड में, अपने दोस्तो के साथ, बैठ जाता और ठंडी की धूप सेकते! वो भी बाहर आ जाती, और अपनी दोस्तों के साथ खड़ी हो कर हम दोनों आँख मिचोली करते!

एक दिन मुझे उसके डिपार्टमेंट में किसी काम से जाना पड़ा, वैसे उस टाइम, मैं कॉलेज में बहुत फेमस था! वो, भी वहीं खड़ी थी, और इत्तेफाकन अकेली थी! मैं अपना काम करके जैसे ही वापस आ रहा था कि, उसने मुझे हेल्लो' कहा, जब मैंने ध्यान नहीं दिया, तो उसने थोडा जोर से फिर हेल्लो कहा! अब मैंने, उसकी और देखा, और उसे हेल्लो कहा! मेरा हेल्लो कहना था कि वो, सीढियों में मेरे करीब आ कर बोली कि, 'आप मुझे अच्छे लगते हो'! मेरी तो जैसे जान सी निकल गयी! मैं उसे देखता ही रह गया! उसने मेरा हाथ पकड़ा और पुछा 'सब ठीक है ना?', मैंने कहा हाँ! और उसके बाद वो मेरी एक अच्छी दोस्त बन गयी!

अब हमारा, एक दुसरे को देखना ज्यादा शुरू हो गया, और हम दोनों कॉलेज में बात भी करने लगे तो, इससे कुछ लड़के, जो उसके दीवाने थे, मुझसे जलने लगे! ये सब बातें, जब मेरे उस दोस्त को पता लगी, तो वो तो जैसे, मेरा शागिर्द हो गया! और मान गया कि, मैंने जो कहा था, वो ठीक था!


कुछ समय बाद पता चला कि, उस लड़की की तबियत बहुत खराब हुई, और वो bed ridden हो गयी! इसके कुछ और समय बाद वो इस दुनिया से रुक्सत कर गयी! उस लड़की के वो शब्द, आज भी मुझे यद् हैं! वो वाकई बहुत सुन्दर, सहनशील, घरेलु और इमानदार लड़की थी! शायद उसका मेरा उतना ही साथ था!